Sunday, January 26, 2025

gst kaya hain isake prakar

 

What is GST? (GST क्या हैं ?)

GST goods और services पर लगाये जाने वाला एक Tax हैं जो 1 July 2017 को India में Indian Government द्वारा लागु किया गया था |

कंप्यूटर क्या हैं ? विस्तार से जानिए |

Definition of GST (GST की परिभाषा)

GST का Full Form होता हैं – Goods & Service Tax

जिसमें Goods का मतलब होता हैं – माल और Service का मतलब होता हैं – सेवा |

अर्थात् government द्वारा किसी भी प्रकार के माल या किसी भी प्रकार की service पर लगाया गया Tax Goods

Service Tax (GST) कहलाता हैं |

अभीतक, हमने पढ़ा की GST क्या हैं ? और इसका मतलब क्या होता हैं ? अब हम पढेंगे की आखीर GST goods और service पर कब लगता हैं ?, कैसे लगता हैं ?, कितना लगता हैं ? तो चलिए, अगले Topic में इसके बारे में जानते हैं |

Types of Business (व्यापार के प्रकार)

सबसे पहले ये समझ लेते हैं की Business कितने प्रकार का होता हैं | अर्थात् Nature of Business. कोई भी Business केवल दो तरह का ही होता हैं |

1.          Business For Purchase & Sales of Goods :-

जिसमें किसी भी तरह का माल खरीदा या बेचा जाता हो | जैसे :- Electronic Shop जिसमें Fridge, AC, TV को खरीदा और बेचा जाता हो | जैसे :- Mobile की Shop जिसमें Mobile को खरीदा-बेचा जाता हैं | ये सब Purchase and Sales की Category में आते हैं | जिसमें किसी भी प्रकार के product को profit कमाने के लिए और बेचने के लिए खरीदा जाता हैं |

 

2.          Business For Service Providing :-

जिसमें किसी भी तरह की सेवा का आदान-प्रदान होता हो | जैसे :- Mobile Recharge, Internet Recharge, Item Repairing, Hotel Services, Restaurants ये सभी service की category हैं जिसमें न कोई माल खरीदा जाता हैं और ना ही बेचा जाता हैं | बल्कि, किसी तरह की services दी जाती हैं और profit earn की जाती हैं |

 

Who are Compulsory For GST Registration

(किन्हें GST में पंजीकरण करवाना जरुरी हैं?)

अब government के Rules के according जिनकी एक साल की sales जिनको Turnover भी बोलते हैं | जिनका एक साल का Turnover 40 लाख से ज्यादा हैं | यानी 1 साल में 40 लाख से ज्यादा माल बेचते हैं उनको GST में रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी हैं |

 

और जो 1 एक साल में 20 लाख से ज्यादा की services देते हैं | यानी मान लीजिये 1 साल में 20 लाख से ज्यादा का Mobile Recharge करते हैं उनको भी GST में रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी हैं |

 

अब अगर किसी का Turnover 40 लाख से कम हैं और services का Turnover 20 लाख से कम हैं तो भी Firm को GST में Registered करवाया जा सकता हैं और जो GST में Registered होते हैं उनको GST का पूरा लेन-देन रखना पड़ता हैं | इसलिए, GST Registered Person को एक Accountant की जरुरत पड़ती हैं |

 

Document Required For GST Registration

GST पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज

जिनको भी GST में रजिस्ट्रेशन करवाना हैं उनको दिये गये डॉक्यूमेंट के साथ gst.gov.in website पर Apply For GST Registration form भरना पड़ता हैं |

1. Aadhar Card of Applicant

2. Pan Card of Applicant

3. Passport Size Photo of Applicant

4. Bank Account Front Page of Applicant

5. Valid Mobile Number of Applicant

6. Proof of Business Address (Electricity Bill etc.)

7. Rent Agreement (if shop on Rent)

8. Firm Name

 

ये डॉक्यूमेंट gst registration के लिए देने पड़ते हैं condition के according 1 या 2 डॉक्यूमेंट की और जरुरत पड़ सकती हैं Apply करने के बाद 3 से 5 दिन में एक number मिलता हैं | जिसे GSTIN number कहते हैं |

 

What is GSTIN Number (GSTIN नंबर क्या हैं?)

GSTIN number की full form GST Identification number हैं और GSTIN number 15 digit का होता हैं |

Format of GSTIN

1

0

A

A

B

C

T

3

5

1

8

Q

1

Z

B

 

First 2 Digit – State Code होते हैं (जिस भी State में Registration हुआ हैं उसके According जैसे Bihar का State Code 10 हैं |

Next 10 Digit – Pan Card of Applicant

Next 1 Digit – Pan Card के 4 में से कोई भी एक numeric number होता हैं |

Next 1 Digit – By Default Z होता हैं |

Last 1 Digit – Randomly कुछ भी हो सकता हैं |

 

Types of GST Rates (GST Rates के प्रकार)

GST @ 00% - वो item या services जिनपर कोई gst tax नहीं लगता हैं | जैसे :- Khaad Beej, Milk, Eggs etc.

GST @ 05% - वो item या services जिनपर 5% tax लगता हैं | जैसे :- Sugar, Spices, Tea etc.

GST @ 12% - वो item या services जिनपर 12% tax लगता हैं | जैसे :- Mobile Phones, Computers etc.

GST @ 18% - वो item या services जिनपर 18% tax लगता हैं | जैसे :- Telephone, School Bags etc.

GST @ 28% - वो item या services जिनपर 28% tax लगता हैं | जैसे :- Air Conditioners, Cement, Luxury Items etc.

यहाँ पर मैंने केवल कुछ हि items के example दिया हैं लेकिन, बहुत सारे products हैं जिनपर government के rules के according दिये गये 5 tax में से कोई भी tax लगता हैं |

 

हमें ये याद रखने की जरुरत नहीं हैं की किस item पर कितना gst tax लगता हैं | क्योंकि, जितना भी tax लगता हैं वो बिल पर लिखा हुआ होता हैं | दुनिया में ऐसे हजारों products हैं जिस पर अलग-अलग gst tax लगता हैं हम कितने को याद रख पायेंगे |

 

How GST Apply (GST कैसे लगता हैं)

जब भी कोई gst में registered फर्म कोई भी माल खरीदता हैं तो जो Tax बिल में लगके आता हैं | उसे Input Tax कहते हैं | ये tax item के अनुसार 0%, 5%, 12%, 18% या फिर 28% कुछ भी हो सकता हैं | जैसा की मैंने बताया था की अलग-अलग item पर अलग-अलग tax लगता हैं |

 

Purchase में जो tax लगता हैं वो एक तरह से सरकार के पास deposit होता हैं | हम सरकार से ये tax वापस नहीं ले सकते | लेकिन, Customer से वापस इस tax को ले सकते हैं |

 

जैसे जब वापस उस खरीदे गये माल को हम बेचेंगे | तब तो जो tax बिल में हम लगायेंगे उसे Output Tax कहते हैं और जो sales में हमने tax लगाया हैं उससे हमारा वो tax वापस cover हो जाता हैं जो हमने purchase करते वक्त सरकार को tax pay किया था | लेकिन, profit के tax का हिस्सा हमें सरकार को देना पड़ता हैं |

 

एक Example के द्वारा हम इसे आपको समझा रहे हैं –

मान लीजिये हमने 100 रूपये का एक item खरीदा जिसपर 5% tax हैं यानी 5 रुपया तो Total bill हमारा हो जायेगा 105 रु० का और जो 5 रू हमारा tax लगा हैं उसे Input Tax कहेंगे |

 

अब सभी व्यापार profit कमाने के लिये करते हैं तो जो item हमने 100 रू का खरीदा था उसे 110 रू में बेचेंगे और 110 रू में बेचेंगे तो 110 रू पर 5% tax लगेगा जो होता हैं 5.50 रू | इसे बोलते हैं Output Tax |

 

अब हमने उस item पर 5 रू tax पहले ही pay कर दिया जब हमने वो item खरीदा | लेकिन, Customer से हमने 5.50 रू tax लिया यानी 10 रू profit का 5% tax 50 पैसे इनपर सरकार का हक होता हैं और ये 50 पैसे हमें सरकार को pay करने पड़ते हैं |

 

तो इस तरह किसी भी item पर gst tax लगता हैं और इस तरह Input और Output Tax की Calculation होती हैं उम्मीद हैं आप लोगों को अच्छे से समझ में आ गया होगा | अब, हम next topic में जानेंगे की gst को Invoice में किस प्रकार Apply किया जाता हैं –

 

How GST Apply in Invoice

 (GST को बिल में किस प्रकार लगाया जाता हैं?)

जब भी हम कोई माल खरीदते हैं तो बिल में gst लगके आता हैं और बेचते हैं तब gst लगाना पड़ता हैं | GST को दो तरह से वसुला जाता हैं –


1.    SGST(State Tax) & CGST(Central Tax)- जब भी कोई माल same ही state में खरीदा और बेचा जाता हैं तो उसपर sgst और cgst दोनों tax लगता हैं | जैसे की मैं बिहार से हूँ और बिहार के पटना से मैंने सामान खरीदा और बिहार के ही बेतिया में बेचा तो उसपर sgst और cgst दोनों tax 50-50% लगेगा | sgst tax state government को जायेगा और cgst tax central government को जायेगा |

For Example:- मान लीजिये की मैंने बिहार के पटना से एक HP का लैपटॉप खरीदा | जिसकी कीमत 40,000 रू हैं और उसपर tax 18% लगा और उसे मैंने बिहार के बेतिया में बेच दिया | तो अब हमें लैपटॉप को खरीदने के लिए कितना tax देना पड़ेगा | with tax Total Price लैपटॉप का  कितना पड़ेगा और उसपर कौन-कौन tax लगेगा | चलिए, जानते हैं –

 

क्योंकि, यह एक Intrastate purchase और sale हैं यानी एक ही state में सामान खरीदा और बेचा जा रहा हैं और जैसा की हम जानते हैं की जब भी कोई सामान एक ही state से खरीदा और एक ही state में बेचा जाय तो उसपर दो प्रकार का tax cgst और sgst लगता हैं और दोनों 50-50% लगता हैं | यानी अब साफ हो गया हैं की जो हमने लैपटॉप purchase करते समय 18% tax pay किया हैं उसपर 9% cgst और 9% sgst लगेगा |

Laptop Price

40,000 Rs.

SGST 9%

  3,600 Rs.

CGST 9%

  3,600 Rs.

Total Price

(with tax)

47,200 Rs.


2.                 IGST (Interstate Tax)- जब भी कोई business state level पर किया जाता हैं यानी state level पर सामान purchase या sale किया जाता हैं यानी की एक state से सामान खरीदा जाता हैं और उसे दुसरे state में बेचा जाता हैं तो इस प्रकार के business को interstate business कहते हैं और इसपर जो tax लगता हैं वो interstate tax यानी igst लगता हैं और ये tax 100% central government को जाता हैं | यानी की मान लीजिये हमने कोई सामान purchase किया जिसपर 18% tax लगता हैं तो वो पूरा 18% tax central government को जायेगा |

For Example:-जैसे की मैं बिहार से हूँ और मैंने राजस्थान के किसी कस्टमर को एक लैपटॉप बेचा जिसकी कीमत 45,0000 रू हैं और उसपर tax 18% लगा | तो इसप्रकार से उसपर tax लगेगा |

 

Laptop Price

45,000 Rs.

IGST 18%

  8,100 Rs.

Total Price

(with tax)

53,100 Rs.

 

 



v  GST Ledger Creation                                          
Company create करने के बाद GST का लेजर बनाने के लिए setting करना पड़ता हैं |                                                            इसके लिए company create करने के बाद (F11) press करेंगे तो company features का बॉक्स आयेगा | जिसमे से statutory and taxation सेलेक्ट करके enter करेंगे तो एक बॉक्स आयेगा | फिर enable goods and service tax के सामने ‘No’ के जगह ‘Yes’ करेंगे | फिर set alter GST details के बॉक्स में ‘No’ के जगह ‘Yes’ करेंगे | फिर enter करेंगे तो GST details का बॉक्स आयेगा | जिसमें state सेलेक्ट करके GST IN और UIN के बॉक्स में उस state का GST नंबर लिखकर enter करके accept कर देंगे | उसके बाद Esc key से बाहर आ जायेंगे | फिर gateway of tally के बॉक्स से Account Info सेलेक्ट करके ledger सेलेक्ट करेंगे | फिर लेजर के बॉक्स से create सेलेक्ट करेंगे तो ledger creation का बॉक्स आयेगा | फिर name के बॉक्स में SGST लिखकर enter करेंगे और under के बॉक्स में duties and taxes सेलेक्ट करके types of duity के बॉक्स में GST सेलेक्ट करेंगे | फिर tax type के बॉक्स में state tax सेलेक्ट करके enter करके accept कर देंगे |

 

 

                                                                                                                                       

gst kaya hain isake prakar

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